खाटू श्याम जी की आरती | Khatu Shyam Ji Ki Aarti in Hindi

खाटू श्याम जी की आरती का महत्व
खाटू श्याम जी की आरती करने से मन को शांति, विश्वास और ऊर्जा मिलती है। श्याम बाबा भक्तों के सभी संकटों को दूर कर जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करते हैं। विशेषकर फाल्गुन मेला और प्रत्येक शुक्रवार को श्याम जी की आरती का विशेष महत्व होता है।

खाटू श्याम जी का महत्व
खाटू श्याम जी, जिन्हें कलियुग के भगवान कहा जाता है, महाभारत के वीर बारबरिक का ही रूप हैं। श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया था कि कलियुग में वे श्याम नाम से पूजे जाएंगे और भक्तों के सभी कष्ट हरेंगे। खाटू श्याम जी की पूजा और आरती करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, रोग और संकट दूर होते हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

॥ श्री खाटू श्याम आरती ॥


 
ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे । निज भक्तन के तुमने, पूरण काम करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे ।
गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकट धरे । पीत बसन पीतांबर, कुण्डल कर्ण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे ।
रत्नसिंहासन राजत, सेवक भक्त खड़े । खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे ।
मोदक खीर चूरमा, सुवर्ण थाल भरे । सेवक भोग लगावत, सिर पर चंवर ढुरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे ।
झांझ, नगारा और घड़ियाल, शंख मृदंग घुरे । भक्त आरती गावें, जय जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे ।
जो ध्यावे फल पावे, सब दुख से उबरे । सेवक जब निज मुख से, श्री श्याम श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे ।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे । गावल दासमनोहर, मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे ।