काल भैरव जी की आरती | Kaal Bhairav Ji Ki Aarti in Hindi

काल भैरव जी का महत्व
काल भैरव भगवान शिव का उग्र और रक्षक स्वरूप हैं। इन्हें काशी (वाराणसी) का कोतवाल भी कहा जाता है। भक्त मानते हैं कि काल भैरव जी की आरती और पूजा करने से भय, रोग, शत्रु और ग्रहदोष से मुक्ति मिलती है। जीवन में साहस, आत्मबल और सफलता की प्राप्ति होती है।

काल भैरव जी की आरती का महत्व
काल भैरव जी की आरती करने से भक्त को साहस, शक्ति और भयमुक्त जीवन का आशीर्वाद मिलता है। विशेषकर रविवार और मंगलवार को काल भैरव जी की आरती करने से जीवन की सारी बाधाएँ और संकट दूर हो जाते हैं।

॥ श्री काल भैरव जी की आरती ॥

जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा। जय काली और गौर देवी कृत सेवा।।
प्रभु जय भैरव देवा।।
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तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिंधु तारक। भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।
जय भैरव देवा…
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वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी। महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी।।
जय भैरव देवा।।
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तुम बिन देवा, सेवा सफल नहीं होवे। चौमुख दीपक दर्शन से सब दुःख खोवे ॥
जय भैरव देवा।।
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तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी। कृपा कीजिये भैरवजी, करिए नहीं देरी।।
जय भैरव देवा।।
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पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू दमकावत। बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत।
जय भैरव देवा।।
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कालभैरवजी की आरती जो कोई जन गावे। कहे धरनी धर मानुष मनवांछित फल पावे।।
जय भैरव देवा।।