श्रीराम जी की आरती | Ram Ji Ki Aarti in Hindi

श्रीराम जी की आरती का महत्व
श्रीराम जी की आरती करने से जीवन में धर्म, साहस और धैर्य की प्राप्ति होती है। भक्त के हृदय में शांति का वास होता है और हर कठिनाई दूर हो जाती है। प्रभु श्रीराम की भक्ति से परिवार में प्रेम, समृद्धि और सौहार्द बना रहता है।

श्रीराम जी का महत्व
भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। वे धर्म, सत्य और आदर्श के प्रतीक हैं। श्रीराम जी की पूजा और आरती करने से जीवन में धर्म, साहस और शांति की प्राप्ति होती है। भक्तों का विश्वास है कि प्रभु श्रीराम की कृपा से हर कठिनाई दूर होती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

॥ श्रीराम जी की आरती ॥

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
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कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
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भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
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सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
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इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
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मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
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एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
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दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।